घुटने के आंशिकप्रत्यारोपन (UKA) घुटने के दो हिस्सों में से एक में वात से राहत देने के लिए प्रयोग की जानेवाली एक शल्य प्रक्रिया है जिसमें घुटने के क्षतिग्रस्त हिस्सों को बदल दिया जाताहै। यूकेए (UNI knee)सर्जरी से पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द कम हो सकता है और घुटने को पुर्ववत होने कीमें अवधि कम हो सकती है!
यह सर्जरी तब की जा सकती है जब क्षति घुटने के एक विशेष हिस्से तक ही सीमित हो। काफ़ी साल पहले तक , आंशिक घुटनों के प्रत्यारोपण को सिर्फ़ वृद्ध रुग्णो के लिए आरक्षित किया गया था, जिनकी दैनिक गतिविधियाँ कम होती है।लेकिन अब, युवा आबादी में आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि इससे आप काम पर जल्दी लौट सकते हैं और अक्सर बहुत कम दर्द होता है।
गठिया के घुटनों वाले लगभग 5% से 6% रोगियों को आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन के लिए योग्य माना जाता है। माना जाता है कि 30% तक लोगों को घुटने का वात , याने ऑस्टियोआर्थराइटिस हैं। 50 वर्ष की आयु तक, घुटने के वात का असर (ऑस्टियोआर्थराइटिस) पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से हैं। 50 वर्ष की आयु के बाद, अधिक महिलाएं प्रभावित होती हैं।
यदि आपके घुटने का दर्द आपके विरोधी भड़काऊ दवाओं को लेने और स्वस्थ वजन बनाए रखने के बावजूद बना रहता है तो आप घुटने के प्रत्यारोपण पर विचार कर सकते हैं।आपके डॉक्टर आपको अपने घुटने में दर्द के लिए परीक्षण करके संधीवात का निदान निश्चित करेंगे। घुटने का एक एक्स-रे आंशिक रूप से घुटने के प्रत्यारोपण के लिए आपकी पात्रता निर्धारित करेगा।
uni condylar knee only replaces damaged portion of the knee and preserves almost 80% of original knee and ligaments.
अतीत में, एक आंशिक घुटने के प्रत्यारोपण को केवल 60 वर्ष से अधिक आयु के रोगियों में एक आँप्शन माना जाता था लेकिन अब इस उपाय का कम उम्र के रोगियों में विचार किया जा रहा है।क्योंकि एक आंशिक घुटना प्रत्यारोपण एक छोटी सर्जरी है, यह अक्सर एक आसान, तेज, जल्दी पुर्ववत करने वाली और टोटल नि रीप्लेसमेंट की तुलना में अधिक कारगर उपाय पाया गया है।आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन में आमतौर पर न्यूनतम रक्त हानि होती है और ऑपरेशन के बाद जटिलताओं की कम दर के साथ जुड़ा है।
अधिकांश रोगी तीन से छह सप्ताह के भीतर अपनी दैनिक गतिविधियों में वापस आने की उम्मीद कर सकते हैं।इस कारण की वजह से आंशिक घुटनों के प्रत्यारोपण की लोकप्रियता बढ़ रही है और ज़्यादातर मरीज़ इस तरीक़े की माँग कर रहे है। कम तकनीक, कम रक्तस्राव, कम आराम , कम फीजीयोथेरपी और जल्द से जल्द काम पर लौटने के वजह से यह ऑपरेशन काफ़ी लोकप्रियता हासिल कर रहा है। यह ज़रूरी नहीं है की हर पेशंट में यह ऑपरेशन शक्य हो। आपके डॉक्टर पुरी जॉंच के बाद ही इस विषय में जानकारी दे सकते है।